दुर्गा खोटे / नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥ दुर्गा चालीसा जो नित गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥ देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥